देवर भाभी गीत

तर्ज़ -नज़र लागी राजा तोरे बंगले पे 


 देवर नादान, बात बात पे मचलें - २ बार 


गई मैं बजरिया,कपड़े लेके आई 

सैंया के मोज़ा, चोरी से पहन लें  ।।देवर नादान ..


गई मैं सुनरवा ,गहने लेके आई 

अपनी अँगूठी ,हमारी से बदलें ।।देवर नादान ..


गई मैं बिसतिया, मेहंदी लेके आयी 

थोड़ी सी मेहंदी ,हथेली पे रच लें ।। देवर नादान ..


गई हलवैया, मिठाइया ले आई 

लड्डू औ पेड़ा, अकेले ही भछ लें ।।देवर नादान ..


मेरी सहेली दूर से आई 

मेरी सहेली को देख देख उछलें ।।देवर नादान ..


**जिज्ञासा सिंह**

6 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. बहुत-बहुत आभार आपका शरद जी .।आप की प्रशंसा और भी गीत लिखने की प्रेरणा देगी ..सादर नमन ।

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  2. उत्तर
    1. आपने गीत के ब्लॉग पर अपनी सुन्दर टिप्पणी दी । ये मेरे लिए प्रेरणास्रोत है ..। सादर नमन ..।

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