रगरि रगरि धोवे गोड़ कहारिन,
अरे नाउन आई बोलाइ, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
दूर देस सखि रंग मंगायंव,
मेहंदी मंगायंव मारवाड़, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
केहू कहे चिरई, तव केहू कहे सुग्गा,
केहू कहे चंदा बनाओ, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
सोनेन की नाऊ लाए हैं नहन्नी,
चांदी सींक सलाई, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
रचि रचि रंग भरे है नउनिया,
मेहंदी लगाई मनुहारि, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
दसरथ दीन्हें हैं अनधन सोनवा,
कौसल्या मोतियन हार, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
झूमि झूमि नाऊ लेहि बलैया,
नाउन नाचें झलकारि, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।
**जिज्ञासा सिंह**
शब्द अर्थ
रमन जी : भगवान राम
नाखुर : नाखून कटना
गोड़ : पैर
चिरई : चिड़िया
सुग्गा : तोता
नहन्नी : नाखून काटने का औजार
बलैया : दुआ, आशीर्वाद
झलकारि : झूम झूम, मगन हो