उदास प्रियतम



धूमिल मन क्यों तुम्हारा प्रियतम 

आओ दे दूँ सहारा प्रियतम
धूमिल मन क्यूँ ? तुम्हारा प्रियतम 

भौंरा आया बैठा कली पर 
लेने रस का फुहारा प्रियतम 
धूमिल मन क्यूँ  ?...

चाँद चकोर देखो झूम रहे हैं 
संग में झूमा सितारा प्रियतम 
धूमिल मन क्यूँ  ?...

सावन में बाबुल घर जाके 
आऊँगी मैं फिर दोबारा प्रियतम             
धूमिल मन क्यूँ  ?...

मेरे बिरह में रहोगे ग़र तुम 
लगेगा मन न हमारा प्रियतम 
धूमिल मन क्यूँ  ?...

तुलसीदास तुम बन मत जाना 
होगा मज़ाक़ हमारा प्रियतम 
धूमिल मन क्यूँ  ?...

**जिज्ञासा सिंह**

8 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय शास्त्री जी ,
    आप जैसे विज्ञ जन की टिप्पणी से अभिभूत हूँ, आपको मेरा सादर नमन ..।

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