भजन (शिवरात्रि)

मोहे भोले की चढ़ गई भाँग, गौरा पूजन गई

आँखों में चढ़ गई, माथे पे चढ़ गई
वो तो चढ़ गई मोरे कपाल, गौरा पूजन गई ।

अंदर से झूमीं, मैं बाहर से झूमीं 
मोहे झूमन लगा ब्रम्हांड, गौरा पूजन गई ।

झूम, झूम, गिर, गिर हिमालय को पहुँची
मैं तो पहुंच गई कैलाश, गौरा पूजन गई ।

ब्रम्हा जी ठाढ़े, वहाँ विष्णु जी ठाढे,
मेरे सम्मुख खड़े भोलेनाथ, गौरा पूजन गई ।।

उनको निहारूं, मैं खुद को निहारूं
मेरे नैना खुले अविराम, गौरा पूजन गई ।।

क्या मैं चढ़ाऊं, क्या माँगन मैं मांगू
मैं तो चरणों में गिर गई जाय, गौरा पूजन गई ।।

मन मेरा पुलकित है, तन मेरा हर्षित 
मेरे हिरदय में बसे महाकाल, गौरा पूजन गई ।।

मोहे भोले की चढ़ गई भाँग, गौरा पूजन गई ।।
      
  **जिज्ञासा सिंह**

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
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16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर गीत , आप को महाशिव रात्रि की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं

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    1. बहुत बहुत आभार.. आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं..सादर अभिवादन..

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  2. महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी । बहुत ही भावभीना भक्ति-गीत ।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार जितेन्द्र जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं सादर अभिवादन..

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  3. बहुत सुन्दर रचना।
    शिव त्रयोदशी की बहुत-बहुत बधाई हो।

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    1. आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं..आदरणीय शास्त्री जी आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं..सादर अभिवादन..

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  4. बहुत ही बढ़िया , उमा महेश को शत शत नमन, बहुत बहुत बधाई हो

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  5. आपका बहुत बहुत आभार ज्योति जी , आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन है..

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  6. बहुत बहुत आभार मनोज जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन है..

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  7. आपका बहुत बहुत आभार अजीतेंदु जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं.. समय मिले तो मेरे कविताओं के ब्लॉग पर अवश्य भ्रमण करें, सादर नमन..

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  8. जय शिव शंकर...बहुत सुंदर रचना

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  9. आपका बहुत बहुत आभार शकुंतला जी ,आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार..

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  10. मन मेरा पुलकित है, तन मेरा हर्षित
    मेरे हिरदय में बसे महाकाल, गौरा पूजन गई ।।

    मोहे भोले की चढ़ गई भाँग, गौरा पूजन गई ।।,',,,,,, बहुत सुंदर गीत,

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  11. आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन, सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।

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