पिचकारी और सारी



भर भर मारी पिचकारी
सजन मोरी भीज गई सारी

द्वारे से आए ससुर मुस्काएं
सासू हंसे दै दै तारी, सजन मोरी.....

ई सारी मोरे मैके से आई 
अम्मा ने भेजि हमारी, सजन मोरी..... 

मूंगा रेशम की बनी मोरी सारी
जयपुरी गोटे की किनारी, सजन मोरी.....

भईया भतीजा मोरा दुइनो दरोगा
लै लेहैं खबर तुम्हारी, सजन मोरी.....

काहे गोरी रूठी काहे खिसियाओ
तुमको दिलैहैं नई सारी, सजन मोरी.....

भईया भतीजा से जाय न कहियो
इतनी है, अरज हमारी, सजन मोरी.....

भर भर मारी पिचकारी, सजन मोरी.....

**जिज्ञासा सिंह**

39 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर गीत प्रस्तुति।
    रंग भरी होली की शुभकामनाएँ।

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    1. आदरणीय शास्त्री जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।

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  2. होली पर मन भावक रचना आपको रंगों का त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं टीम सुगना फाउंडेशन

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    1. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन एवम वंदन ।

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    1. पम्मी जी आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन।

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  4. मन भावन होली का गीत ... गहरा एहसास रँगों की मस्ती और प्रेम का भाव लिए ...

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  5. आपका बहुत बहुत आभार दिगम्बर जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन एवम वंदन ।

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  6. बहुत अच्छी रचना है... बहुत शानदार...। खूब बधाई

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    1. आपका बहुत बहुत आभार संदीप जी, आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।

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  7. बहुत ही मधुर गीत, हार्दिक शुभकामनाएं

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  8. बहुत ही मधुर गीत, हार्दिक शुभकामनाएं

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  9. आपका हृदय से आभार आदरणीया दीदी, आपको सादर नमन ।

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  10. सुंदर मधुर होली गीत के लिए आपको शुभकामनाएँ। सादर।

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  11. बहुत बहुत आभार आपका वीरेन्द्र जी,

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    1. बहुत बहुत आभार प्रीति जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन

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  13. बहुत शानदार होरी गीत |हार्दिक शुभकामनायें

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  14. जयकृष्ण जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन ।

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  15. ऐसी मनभावन पोस्ट पर होली के इतने दिनों बाद आया, क्षमाप्रार्थी हूँ जिज्ञासा जी । आपकी लेखनी तो रस, रंग और गंध; सभी से भरी है । आंचलिकता की महक लिए यह होली गीत सचमुच कमाल है ।

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    1. अप लोगो का स्नेह है जितेन्द्र जी,जो इस ब्लॉग को आगे जारी रख पा रही हूं,वरना बहुत लोग हतोत्साहित करते रहते हैं, कि लोकगीत कोई नही पढ़ेगा । आपके स्नेह को हार्दिक नमन करती हूं, जिज्ञासा सिंह ।

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  16. बहुत ही प्यारा गीत, होली की मस्ती और सुबास के साथ

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    1. भर्ती जी आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रशंसा को नमन करती हूं ।

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  17. क्या बात है जिज्ञासा जी एक और सुंदर होली गीत | मनभावन सरल और मस्त | हार्दिक स्नेह के साथ शुभकामनाएं|

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  18. अरे सच कहूं रेणु जी,मैने करीब १० होली गीत लिखे,पर डाले ४ ही,अब अगली बार डालूंगी । आप की प्रशंसा के लिए कोटि कोटि आभारी हूं,सादर नमन ।

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    1. बहुत बहुत आभार मनोज जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन है ।

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  20. बहुत बहुत सुन्दर मधुर लोक गीत ।

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  21. बहुत आभार आदरणीय आलोक सिन्हा जी, अपके सुन्दर प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं ।

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  22. वाह!,जिज्ञासा जी , बहुत खूबसूरत ,रंगों से सजा गीत ।

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  23. शुभा जी,मेरे निवेदन को मान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। ब्लॉग पर आपकी प्रशंसा मेरे लिए बूटी का काम करेगी ।सदैव स्नेह की अभिलाषा में जिज्ञासा सिंह ।

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  24. बहुत सुंदर चुहलबाज़ी करता रस से भरा होली गीत, मन भावन , जय श्री राधे

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  25. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।सादर अभिवादन ।

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