रघुकुल मणि राम मोरे सपन म आए
छवि देखूँ अविराम मोरे सपन म आए
मलयागिरी माथे चंदन है चंदन
दोऊ नैना रत्नार कजरा हैं रुचिर लगाए
पवन बहे बेगि बड़ी है सुंदर बड़ी है मनहर
पुसपक बीमान बैठे हैं अति हरसाए
संग आवैं नवग्रह सारे, नवग्रह सारे
सूरज और चाँद, तारे हैं संग म आए
बैठारा है स्वर्ण सिंहासन हाँ स्वर्ण सिंहासन
चरणन हनुमान, बैठे हैं सीस नवाए
सजे थाल दीप औ बाती, दीप औ बाती
रही अरती मैं ऊतार, वे दूनो है हाथ उठाए
जिज्ञासा सिंह
बहुत ही सुन्दर ❤️
जवाब देंहटाएंजय श्री राम🙏🌻
बहुत आभार आपका।
हटाएंरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका।
जवाब देंहटाएंरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐