(१) जच्चा हमारी कमाल.. लगें फुलगेंदवा।
खाय मोटानी हैं चलि नहिं पावहि
फूला है दूनो गाल.. लगें फुलगेंदवा।
पांव है सिरकी पेट है गठरी
लुढ़कें जैस फुटबाल.. लगें फुलगेंदवा।
भाव देखावें कि अम्मा बनी हैं
ठोकें रहि रहि ताल.. लगें फुलगेंदवा।
भोर भए नित नखरा देखावें
रात भर रोया है लाल .. लगें फुलगेंदवा।
जच्चा हमारी कमाल, लगें फुलगेंदवा ॥
(२) कन्हैया जी के कजरा लगइहौं नाहीं भौजी।
ई कजरा बड़े मान मनौती
नेग पहिले लेब सुनहु मोरी भौजी।
हाथ के कंगनवा और नाक के झुलनियाँ
कमर करधनियां लेब मोरी भौजी ।
नाहीं नुकुर जो करिहौ तो सुन लेव
कजर नाहीं देब तू सुनो मोरी भौजी ।
इतनी बचन सुन भौजी हंसन लगीं
पहनाय दिया कंगना औ कहें सुनो ननदी।
अगले बरस जब करिहैं जन्मदिन
करधनियाँ औ झुलनियाँ पहिनाय दैहौं ननदी ।
कन्हैया जी के कजरा लगइहौं नाहीं ननदी ॥
(३) घर गुलजार है, लल्ले की बुआ आई हैं
लाल की बधाई, बधाई बुआ लाई हैं ॥
चाँद और तारों का खडुआ गढ़ाई हैं
भैया से भतीजे, के पाँव पहनाई हैं ॥
घर गुलज़ार….
फूल और कलियों से कपड़ा कढ़ाई हैं।
लाल को झिंगोलिया औ टोपी पहनाई हैं ॥
घर गुलज़ार….
हरे हरे तोता चिरैया ले आई हैं
लाल के पलनवा में खूब सजाई हैं ॥
घर गुलज़ार….
चाँदी कजरौटा कजरवा पराई हैं
लालन की छठिया में अँखियाँ सजाई हैं ।
घर गुलज़ार है, लल्ले की बुआ आई हैं ॥
**जिज्ञासा सिंह**
बहुत सुन्दर ! ननद-भाभी की चुहल का और आपसी प्यार का गीत !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय सर।
हटाएंबहुत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंआभार आपका कविता जी ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-09-2022) को "सूखी मंजुल माला क्यों?" (चर्चा-अंक 4562) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार आदरणीय सर।
हटाएंवाह! ख़ूब
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंलोक-बानी की बाते गजब हो , खूब छान प्रस्तुति , अभिनन्दन !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंबढ़िया है।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका।
हटाएंजच्चा फुलगेदवा .. लालन की छठिया .. बुआ का आना .. घर गुलजार होना .. मजा आ गया गीत पढ़कर
जवाब देंहटाएंआपकी प्रशंसा भरे शब्द गीत लेखन को सार्थक कर गए।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका।