छाई बसंत निराली । बन्नी बन्ने की होने वाली ।।
पीले पीले फ़ूलों का गजरा बनेगा ।बन्नी के जूड़े में खूब सजेगा ।।
गाए कोयल मतवाली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।
आई बसंत निराली ---------
पीले पीले सिंदूर से मांग भरेगी । माथे पर बन्नी के बिंदिया सजेगी ।।
काजल से होंगी आंखें काली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।
छाई बसंत निराली ----------
पीली पीली सरसों का उबटन बनेगा ।हल्दी पड़ेगी चंदन पड़ेगा ।।
छायेगी गालों पे लाली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।
छाई बसंत निराली----------
पीले-पीले सोने का गहना बनेगा।हीरा लगेगा, माणिक जड़ेगा ।।
पहनेगी बन्नी निराली।बन्नी बन्ने कि होने वाली ।।
छाई बसंत निराली---------
लाल लाल रेशम का लहंगा बनेगा ।पीले-पीले साटन का गोटा लगेगा ।।
मोती की लड़ियाँ निराली।बन्नी बन्ने कि होने वाली।।
छाई बसंत निराली----------
बन्नी के मेहंदी,महावर लगेगा ।पैरों में पायल का घुँघरू बजेगा।।
छम-छम चली है मतवाली।बन्नी बन्ने कि होने वाली।।
छाई बसंत निराली---------
**जिज्ञासा सिंह**