सरस्वती ! तुम बुद्धि की रानी
मेरी शक्ति मेरी भक्ति
तुम ही मेरी कहानी
सरस्वती तुम.......
तुम को जब से है अपनाया
जग की जानी कहानी
सरस्वती तुम.......
जब तुमसे परिचय हो जाए
सब कुछ लगे बेमानी
सरस्वती तुम......
सब देवों को देव सा जानूँ
तुम जानी पहचानी
सरस्वती तुम.......
द्वार तुम्हारे शीश झुकावें
ज्ञानी और विज्ञानी
सरस्वती तुम........
तन मन धन से द्वार तुम्हारे
ठाढ़े हम अज्ञानी
सरस्वती तुम........
दे दो जग को विद्या बुद्धि
तुम हो बड़ी वरदानी
सरस्वती तुम.......
**जिज्ञासा सिंह**