रंगरंगीला होली गीत




होली रंगन का त्योहार बलम जी खेलन जइबे आज ।


सात मेर के रंग मंगइबे, बीच आँगन मा कुंड खोदैबे 

रंग देब घुलवाय, बलम जी खेलन जइबे आज 

होली रंगन ...


सखियाँ सहेली सबै बोलैबे, बीच आँगन म तुम्हें घेरैबे 

तुमका देब गिराय, बलम जी खेलन जइबे आज

होली रंगन ...


चाहे पिया भागो,चाहे लुकाओ, चाहे जेतना तुम शोर मचाओ 

रंग मा देब डुबाय, बलम जी खेलन जइबे आज

होली रंगन...


 भाँग पीस शर्बत बनवैबे, लौंग इलायची सौंफ मिलैबे 

तुमका देब पिलाय, बलम जी खेलन जइबे आज

होली रंगन ...


गुझिया गुलगुला रची के बनैबे, सखा सहेलिन ख़ूब खिलैबे 

गठरी देब बँधाय, बलम जी खेलन जइबे आज 

होली रंगन...


ढोल मजीरा ख़ूब बजैबे, नाच गाय तुमका दिखलैबे 

फगुआ देब सुनाय, बलम जी खेलन जइबे आज

होली रंगन...


**जिज्ञासा सिंह**

39 टिप्‍पणियां:

  1. आपने तो पूरा होली का नज़ारा ही खींच दिया ... लग रहा आप आगे आगे और पीछे आपके पिया जी .... बस खूब उड़ रहा गुलाल ...

    बहुत बढ़िया ... होली की शुभकामनाएँ

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    1. जी, दीदी बस यूं समझिए ये हमारे देश की सभी सखियों के लिए है, बस हंसी ठिठोली,थोड़ा सा रूमानी हो जाएं,जैसा कुछ,आपका स्नेह सर आंखों पर ,प्रणाम आपको ।

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    2. ओह , तो यहाँ आपको लगा ... अरे शब्द चित्र खींच दिया था तो जैसा दृश्य दिखाई दिया लिख दिया ... ये तो शब्द चितेरे का कमाल है ...

      सस्नेह ..

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२७-०३-२०२१) को 'रंग पर्व' (चर्चा अंक- ४०१८) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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    1. प्रिय अनीता जी, मेरी रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन, सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  3. चाहे पिया भागो,चाहे लुकाओ, चाहे जेतना तुम शोर मचाओ

    रंग मा देब डुबाय, बलम जी खेलन जइबे आज

    होली रंगन...बहुत ही खूबसूरत भावों से परिपूर्ण...। खूब बधाई

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    1. जी,संदीप जी आपका हार्दिक आभार एवम नमन करती हूं,इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए । आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  4. आदरणीय शास्त्री जी, नमस्कार ! आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं, ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति देख मन खुशी से अभिभूत हो जाता है, सादर नमन ।

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  5. प्रिय जिज्ञासा जी, ज्यादा समझ नहीं पाई पर प्रेमिल और मस्ती के भाव हैं समझ आया। लोक रंग में रंगी रचना के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई। साजन और सखियों संग ये रंग खूब खिले और महकें यही दुआ है। होली की पुनः शुभकामनाएं 🌹🌹🙏❤❤

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  6. आपका बहुत बहुत शुक्रिया रेणु जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन । होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  7. उम्दा होली गीत..
    होली रंगन का त्योहार बलम जी खेलन जइबे आज ।
    शुभकामनाओं सहित बधाई आदरणीया जिज्ञासा जी।

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    1. बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं,मेरे इस ब्लॉग पर आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया देख बहू हर्ष हुआ,मेरा बस छोटा सा प्रयास ह, कि लोकगीत भी लोगों तक पहुंचे, कृपया स्नेह बनाए रखें ।होली की शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  8. मौज-मस्ती से भरपूर लाजबाव होली गीत, होली की हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी

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    1. आपका बहुत आभार प्रिय सखी कामिनी जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को नमन है,होली की शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  9. भांग,धतूरा सा नशीला ... हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  10. अमृता जी,त्योहारों का यही उद्देश्य भी होना चाहिए, कि चाहे क्षण भर का ही आनंद हो,पर इस क्षण को पूर्णता से जिएं,आपकी नशीली,खुमारी भरी प्रशंसा को नमन, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।

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  11. बहुत ही सुन्दर गीत ... आंचलिक भाषा का आनद त्योहारों का आनंद बढ़ा देता है ... बहुत ही रस स्वाद से भरा गीत ... होली की बहुत बहुत बधाई ...

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  12. आपका बहुत बहुत आभार दिगम्बर जी, आपकी प्रशंसा से नव सृजन की प्रेरणा मिलेगी, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई.. जिज्ञासा सिंह ।

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  13. बहुत सुंदर प्रस्तुति, होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूं ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति देख मन खुशी से अभिभूत हो गया, आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई

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  14. बहुत ही खूबसूरत होली गीत।
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏

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    1. ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है यशवन्त जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन करती हूं, होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।

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  15. होली की हार्दिक शुभकामनाएं माननीया जिज्ञासा जी । आप तो होली के रंग में रंगी हुई हैं पूरी तरह से । और थोड़ा-सा रूमानी हो जाने में ही तो ज़िन्दगी की लज्जत महसूस होती है । बड़ी प्यारी रचना है यह आपकी । आंचलिक भाषा का रूप, रस, गंध - सब अनुभूत करवा देने वाली ।

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  16. जितेन्द्र जी, आप जैसे विज्ञ जनों का स्नेह है, कि मेरे गीत के ब्लॉग में मेरी रुचि निरंतर बढ़ रही है,मैने सोचा भी नही था, कि आप लोग पसंद करेंगे, कई लोगो ने मना भी किया, पर मैने कहा कि यू मेरी रुचि का विषय है,मैं लोकगीत जरूर डालूंगी,बड़ा हर्ष होता है,जब आप लोग पढ़ते हैं और कुछ अच्छा लिखते हैं, हां कोई सुझाव मिले तो भी मुझे खुशी होगी, क्योंकि लोकगीत,पहले की तरह अब नही लिखे जाते, पहले प्रकृति,पर्यावरण, वन, उपवन,नदी , तालाब,सूर्य ,चंद्रमा सभी का आवाहन करते हुए लोकगीत रचे जाते थे,जो हमारी धरोहर हैं,परंतु वो विलुप्ति के कगार पर हैं,और मेरा बहुत ही झुकाव है लोकगीतों की तरफ , बस यही कारण है, कि समसामयिक रचनाएं रचती हूं,और खुश होती हूं,आपके स्नेह की सदैव आभारी हूं,होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई ।

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  17. होली की मस्ती में बहकी बहकी सी कलम भी है आज ।
    कुछ बहकी है मन की गति कुछ बहके जज़्बात।
    बहुत मस्ती छलकाते भाव ।
    सुंदर सृजन।
    होली पर हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. आपकी हर बात सच लग रही है,सुंदर तुकबंदी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।

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  18. कितना सुन्दर गीत ...वाह मन मोह लिया आपने...बहुत अच्छा लगा आपको आज पढ़ कर । बधाई आपको।

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    1. उषा जी ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति देख बहुत हर्ष हुआ,आपकी प्रशंसा को सादर नमन एवम वंदन । आपसे निवेदन है कि समय मिले तो मेरे कविताओं के ब्लॉग"जिज्ञासा की जिज्ञासा"पर अवश्य भ्रमण करें,आदर सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  19. ये होली गीत है या भाँग की ठंडई!!!😊😊😊

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    1. आपकी टिप्पणी देखकर बहुत खुशी हुई,इस ब्लॉग पर आपकी उपस्थिति ही मनोबल बढ़ाने के लिए काफी है सादर नमन ।।

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  20. लोकगीत अनूठे अंदाज में..मने कि एकदम भंग में रंग।
    सादर

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  21. जी,पम्मी जी आपकी सुंदर टिप्पणी को हार्दिक नमन ।आभार सहित जिज्ञासा सिंह ।

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  22. खूब खेली तुमने होली, आनंद आ गया , हर तरफ रंग उमंग है, बहुत ही खूबसूरत लोकगीत जिज्ञासा ,बहुत सारी बधाई हो

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  23. जी दीदी,सच कहूं खेली कम, आनंद ज्यादा लिया,आपकी स्नेह युक्त प्रशंसा को हृदय से लगा लिया ।आपको मेरा सादर प्रणाम ।
    आप स्वस्थ रहें और बहुत प्रेरक सृजन करती रहें,इसी आशा में जिज्ञासा ।

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  24. बहुत बहुत मन को खुश की देने वाला लोक गीत । बहुत बहुत शुभ कामनाएं ।

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  25. आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय आलोक सिन्हा जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन है ।

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