सजन मोरी भीज गई सारी
द्वारे से आए ससुर मुस्काएं
सासू हंसे दै दै तारी, सजन मोरी.....
ई सारी मोरे मैके से आई
अम्मा ने भेजि हमारी, सजन मोरी.....
मूंगा रेशम की बनी मोरी सारी
जयपुरी गोटे की किनारी, सजन मोरी.....
भईया भतीजा मोरा दुइनो दरोगा
लै लेहैं खबर तुम्हारी, सजन मोरी.....
काहे गोरी रूठी काहे खिसियाओ
तुमको दिलैहैं नई सारी, सजन मोरी.....
भईया भतीजा से जाय न कहियो
इतनी है, अरज हमारी, सजन मोरी.....
भर भर मारी पिचकारी, सजन मोरी.....
**जिज्ञासा सिंह**
मनभावन रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार यशवन्त जी,सादर नमन ।
हटाएंबहुत सुन्दर गीत प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
आदरणीय शास्त्री जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
हटाएंहोली पर मन भावक रचना आपको रंगों का त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं टीम सुगना फाउंडेशन
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार आदरणीय, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को सादर नमन एवम वंदन ।
हटाएंबड़ा प्यारा सा गीत ... खूब हुई होली ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी,आपका स्नेह को प्रणाम करती,सादर ।
हटाएंवाहह..बहुत सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंपम्मी जी आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन।
हटाएंमन भावन होली का गीत ... गहरा एहसास रँगों की मस्ती और प्रेम का भाव लिए ...
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार दिगम्बर जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन एवम वंदन ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है... बहुत शानदार...। खूब बधाई
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार संदीप जी, आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन एवम वंदन ।
हटाएंबहुत ही मधुर गीत, हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत ही मधुर गीत, हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपका हृदय से आभार आदरणीया दीदी, आपको सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंसुंदर मधुर होली गीत के लिए आपको शुभकामनाएँ। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका वीरेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंशानदार लेखन मैम
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार प्रीति जी, आपकी प्रशंसा को सादर नमन
हटाएंबहुत शानदार होरी गीत |हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंजयकृष्ण जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन ।
जवाब देंहटाएंऐसी मनभावन पोस्ट पर होली के इतने दिनों बाद आया, क्षमाप्रार्थी हूँ जिज्ञासा जी । आपकी लेखनी तो रस, रंग और गंध; सभी से भरी है । आंचलिकता की महक लिए यह होली गीत सचमुच कमाल है ।
जवाब देंहटाएंअप लोगो का स्नेह है जितेन्द्र जी,जो इस ब्लॉग को आगे जारी रख पा रही हूं,वरना बहुत लोग हतोत्साहित करते रहते हैं, कि लोकगीत कोई नही पढ़ेगा । आपके स्नेह को हार्दिक नमन करती हूं, जिज्ञासा सिंह ।
हटाएंबहुत ही प्यारा गीत, होली की मस्ती और सुबास के साथ
जवाब देंहटाएंभर्ती जी आपका बहुत बहुत आभार, आपकी प्रशंसा को नमन करती हूं ।
हटाएंक्या बात है जिज्ञासा जी एक और सुंदर होली गीत | मनभावन सरल और मस्त | हार्दिक स्नेह के साथ शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंअरे सच कहूं रेणु जी,मैने करीब १० होली गीत लिखे,पर डाले ४ ही,अब अगली बार डालूंगी । आप की प्रशंसा के लिए कोटि कोटि आभारी हूं,सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंगाकर डाला करिए |
हटाएंआपके सुझाव पर जरूर अमल करूंगी ,सादर जिज्ञासा सिंह ।
हटाएंबहुत सुंदर होली गीत
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मनोज जी, आपकी प्रशंसनीय प्रतिक्रिया को हार्दिक नमन है ।
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर मधुर लोक गीत ।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आदरणीय आलोक सिन्हा जी, अपके सुन्दर प्रतिक्रिया को हृदय से नमन करती हूं ।
जवाब देंहटाएंवाह!,जिज्ञासा जी , बहुत खूबसूरत ,रंगों से सजा गीत ।
जवाब देंहटाएंशुभा जी,मेरे निवेदन को मान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। ब्लॉग पर आपकी प्रशंसा मेरे लिए बूटी का काम करेगी ।सदैव स्नेह की अभिलाषा में जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चुहलबाज़ी करता रस से भरा होली गीत, मन भावन , जय श्री राधे
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।सादर अभिवादन ।
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