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आजी के देवता.. लोकगीत

 

न भूले न भूले न भूले रे
मोहे आजी के देवता न भूले रे॥

आजी के देवता बिरवना बिराजें।
आजी के देवता फुलववा बिराजें 
पाती-पाती देवी औ साखा-साखा देवा
तुलसी बियहवा न भूले रे॥

रहिया चलत आजी कौआ मनावें
गइया बछउआ कुतउआ मनावें
सबही म देवता सबही म पुरखा
कुआँ-बगिया गवनवा न भूले रे॥

बढ़नी औ झाड़ू लय नजर उतारें
सिलबटिया न्योछावर उवारें
मूसर ओखरिया खैलर डलउआ
जले दियना सुपउआ न भूले रे॥

जर और बोखार आजी निमियाँ मनावें
पेटवा पिराय आजी सुरजा मनावें
नैहर आवें जो बुआ औ बहिनिया
गुड़ लौंग ढरकौना न भूले रे॥

जिज्ञासा सिंह

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