(१) चुपके चुपके आईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
भोर भये रवि आने से पहले,
देख नहीं मैं पाई, भवानी मोरे अँगनवाँ
बाग हँसन लगे, कमल खिलन लगे
कलियाँ हैं लहराईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
गोदिया बालक हँसि मुस्काने
मोहें नज़र नहीं आईं,भवानी मोरे अँगनवाँ
व्याकुल मन मोरा माँ को ढूँढ़े
दिख जाए परछाईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
मन देखा, अंतर्मन देखा
हृदय बीच मुस्काईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
नेह औ श्रद्धा की छवि सुंदर
नैनन बीच समाईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
चुपके-चुपके आईं, भवानी मोरे अँगनवाँ
(२) सारे नगर मची धूम जगदंबे आइँ
गाँव-शहर मची धूम माँ दुर्गे आइँ
पेड़ पकड़िया सब हर्षाने
चलीं हवाएँ झूम-झूम जगदंबे आइँ
नदियाँ बहन लगीं कुआँ भरन लगे
बादल बरसा घूम-घूम जगदंबे आइँ
अपनी अँटरिया पे चढ़ि-चढ़ि देखूँ
जयकारे नभ रहे चूम जगदंबे आइँ
आगे-आगे मैया पीछे संसार चले
अगल-बगल चले झुंड जगदंबे आइँ
जनगण मैया की अरती उतारें
बाजन बाजे बूम-बूम, जगदंबे आइँ
सारे नगर मची धूम जगदंबे आइँ ॥
**जिज्ञासा सिंह**
आपकी लिखी रचना सोमवार 26 सितम्बर ,2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
बहुत बहुत आभार दीदी !
जवाब देंहटाएंमेरी हार्दिक शुभकामनाएँ !
जय अम्बे ! जय जगदम्बे !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय।
हटाएंजिज्ञासा जी अत्यंत सुंदर गीत।
जवाब देंहटाएंआपके गीत ने वो दिन याद दिला दिया नवरात्रों मे मुहल्ले भर की स्त्रियाँ शाम को ढोलक और मंजीरा लेकर मंदिर के सामने खूब भजन गाती थी। कॉपी,डायरी नये पुराने गीतों से भरे होते थे।
अब तो न वो लोग रहे न वैसा कोई माहौल।
श्वेता जी हमारे यहां तो गीत गायन की परंपरा पहले जितनी तो नही पर अभी भी काफी है ।
हटाएंआपकी सुंदर प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक कर दिया ।
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (27-9-22} को "सर्वमंगला मंगल लाए"(चर्चा-अंक 4564) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार प्रिय कामिनी जी ।
हटाएंबहुत भावपूर्ण रचना…नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका।
हटाएंबहुत भावपूर्ण रचना…नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐- उषा किरण
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका उषा जी ।
हटाएंबहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत आभार सुधा जी । नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
हटाएंबहुत ही सुंदर गीत।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार अनीता जी । नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
हटाएंमाता की सुन्दर और भावपूर्ण वन्दना !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आदरणीय सर । नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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