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बैरी बदरवा

गोइंड़े ठाढ़े बदरऊ न बरसैं ।
हमरी अटरिया पे झाँकि दिखावें
हमहीं बुनियाँ को तरसें ॥
गोइंड़े ठाढ़े बदरऊ न बरसैं ॥

जाय के खेतवा से मटिया लै आई
बारे कुम्हरवा से घइला गढ़ाई
हमरी तलरिया से पनिया उड़ाय लिययँ
हमहीं पनियाँ का तरसैं ॥

भोर भए घनि-घनि खुब छावयँ
दुपहरिया म टपक दिखावयँ
साँझ परे अपने घर भागयँ
नान्ह चिरइयन जैसैं ॥

बैरी बदरवा का घर से भगाय दूँगी
अपनी अंटरिया से दूर उड़ाय दूँगी
जहाँ से आए हो वहीं लवट जावो
जौने रहिया डगर से ।
 गोइंड़े ठाढ़े बदरऊ न बरसैं ॥

गोइंड़े- नज़दीक ही
बुनियाँ- बूँदें

**जिज्ञासा सिंह**

18 टिप्‍पणियां:

  1. लाजवाब गीत । जब बरसेंगे तब न भगा पाओगी बादलों को । 😄😄😄

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    1. हमारी अटरिया पे झांकी दिखावे..अहा मनभावन
      खूबसूरत गीत

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-8-22} को साथ नहीं है कुछ भी जाना" (चर्चा अंक 4535) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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    उत्तर
    1. गीत के चयन के लिए आपका बहुत बहुत आभार कामिनी जी ।

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  3. सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आभार आपका।

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  4. "हमरी अटरिया पे झाँकी दिखावें।"- वाह..बहुत खूब।

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  5. Dosto aaj mane aapke liye ek behatrin article likha hai jo life Quotes hai hindi mai umid karta hu aap Saab ko bhut pasand aaye gye.
    Reality life Quotes IN Hindi

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