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बन्नी गीत ( हल्दी )

छाई बसंत निराली । बन्नी बन्ने की होने वाली ।।


पीले पीले फ़ूलों का गजरा बनेगा ।बन्नी के जूड़े में खूब सजेगा ।।

गाए कोयल मतवाली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।

आई बसंत निराली ---------


 पीले पीले सिंदूर से मांग भरेगी । माथे पर बन्नी के बिंदिया सजेगी ।।

काजल से होंगी आंखें काली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।

छाई बसंत निराली ----------


पीली पीली सरसों का उबटन बनेगा ।हल्दी पड़ेगी चंदन पड़ेगा ।।

छायेगी गालों पे लाली ।बन्नी बन्ने की होने वाली ।।

छाई बसंत निराली----------


पीले-पीले सोने का गहना बनेगा।हीरा लगेगा, माणिक जड़ेगा ।।

पहनेगी बन्नी निराली।बन्नी बन्ने कि होने वाली ।।

छाई बसंत निराली---------


लाल लाल रेशम का लहंगा बनेगा ।पीले-पीले साटन का गोटा लगेगा ।।

मोती की लड़ियाँ निराली।बन्नी बन्ने कि होने वाली।।

छाई बसंत निराली----------


बन्नी के मेहंदी,महावर लगेगा ।पैरों में पायल का घुँघरू बजेगा।।

छम-छम चली है मतवाली।बन्नी बन्ने कि होने वाली।।

छाई बसंत निराली---------


**जिज्ञासा सिंह**

18 टिप्‍पणियां:


  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (३०-११-२०२०) को 'मन तुम 'बुद्ध' हो जाना'(चर्चा अंक-३९०१) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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    1. अनीता जी मेरे गीत को मंच मिलना सौभाग्य की बात है । आपका बहुत-बहुत आभार ।

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  2. मनभावन गीत जिज्ञासा जी👌👌👌 बहुत बढिया काम कर रही हैं आप। सस्नेह शुभकामनायें 💐🙏🙏❤❤🌹🌹

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  3. जी, रेणु बहन आपको अच्छा लगा तो अपको और भी पढ़ने को मिलेगा .. बस आप लोगों का स्नेह मिलता रहे..आपको मेरा नमन..।

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  4. आपकी सुंदर, प्रशंसा भरी प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदय से आभार...। ब्लॉग पर आपका तहेदिल से स्वागत है..।

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  5. मौसम आने के पहले मौसम को ले आना सृजक के वश की ही बात है
    बेहद सुन्दर रचना

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    1. आदरणीय दीदी, आपको मेरा प्रणाम..। आप की प्रशंसा से हर बार प्रेरणा मिलती है।
      अपना स्नेह बनाए रखिएगा ..।हार्दिक नमन..।

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  6. उत्तर
    1. आदरणीय जोशी जी, आपकी प्रशंसा को नमन करती हूँ..सादर अभिवादन...।

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  7. बहुत सुन्दर।
    गुरु नानक देव जयन्ती
    और कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ..अपको मेरा सादर नमन..

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  8. सुंदर मोहक बन्नी ।
    बहुत सुंदर सृजन सहेज लेते हैं इस प्यारी बन्नी को ,
    सस्नेह।

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    1. जी सच कहा आपने कुसुम जी, शादी में हल्दी वाले दिन बन्नी, बिल्कुल मासूम और नयी नवेली सी लगने लगती है, जो आँखों में बस जाती है..आपकी प्रशंसा को नमन..।

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  9. पढ़कर जब इतना आनंद आया तो सुनकर कितना आएगा । अति सुन्दर ।

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  10. जी अमृता जी ,बिल्कुल सच..बहुत मज़ा आएग आपको..आपकी सराहनीय टिप्पणी को नमन..।

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